03 जनवरी 2022 : चीनी ड्रैगन अपनी कारगुज़ारियों से कभी बाज नहीं आता है। कुछ दिन पहले चीन ने जहाँ अरुणाचल प्रदेश में नाम बदलने और भारतीय सांसदों को पत्र लिखने का काम किया। चीन ने अरुणाचल प्रदेश में भारतीय इलाकों के नाम बदल दिए थे। चीन ने अरुणाचल प्रदेश में 15 और स्थानों के लिए चीनी अक्षरों, तिब्बती और रोमन वर्णमाला के नामों की घोषणा की है। इन्हीं नामों का इस्तेमाल अब चीन के आधिकारिक नक्शे में किया जाएगा।
वही 1 जनवरी 2022 के दिन चीनी ड्रैगन ने लद्दाख की गलवान घाटी का एक वीडियो जारी किया है। इस वीडियो में चीनी सैनिक नए साल की बधाई देते नजर आ रहे हैं। भारतीय सीमा के पास मौजूद ये चीनी सैनिक कह रहे हैं कि हम चीन की सीमाओं की रक्षा करेंगे। इनके पीछे पहाड़ी पर लिखा है, 'कभी भी एक इंच जमीन नहीं देंगे।' चीन ने एक और वीडियो जारी किया है जिसमें चीनी झंडे को तिब्बत के बर्फीले इलाके में एक ड्रोन से फहराया जा रहा है। चीनी सैनिक नए साल की बधाई दे रहे हैं। दूसरी तरफ भारत और चीनी सैनिकों ने शनिवार को नए साल के मौके पर पूर्वी लद्दाख सहित वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के साथ कई सीमा चौकियों पर मिठाइयों का आदान-प्रदान किया था। पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले कई बिंदुओं पर दोनों पक्षों के बीच 18 महीने से अधिक लंबे गतिरोध के बीच दोनों पक्षों ने नव वर्ष पर एक-दूसरे को शुभकामनाएं दी गयी। पूर्वी लद्दाख में एलएसी के काराकोराम दर्रे, डीबीओ, चुशूल, डेमचोक, हॉट स्प्रिंग, बोटलनैक और कोंगराला एरिया सहित कुल सात जगहों पर दोनों देशों की सेनाओं के फील्ड कमांडर्स ने मुलाकात कर पिछले डेढ़ साल से जारी तनाव को खत्म कर नव वर्ष की शुभकामनाएं दी।
नए साल के मौके पर पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी (Galwan Valley) से चीनी सैनिकों का वीडियो सामने आने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि चीन को जवाब देना होगा, इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुप्पी तोड़नी चाहिए। खबर लिखे जाने तक भारत ने आधिकारिक रूप से इन दोनों वीडियो पर कोई जवाब नहीं दिया है।
राहुल गांधी ने रविवार को ट्वीट करते हुए कहा - “गलवान पर हमारा तिरंगा ही अच्छा लगता है. चीन को जवाब देना होगा. मोदी जी, चुप्पी तोड़ो !” शुक्रवार को उन्होंने अरुणाचल में चीन द्वारा कुछ जगहों के चीनी नाम रखे जाने की खबर को शेयर करते हुए ट्विटर पर लिखा था, “अभी कुछ दिनों पहले हम 1971 में भारत की गौरवपूर्ण जीत को याद कर रहे थे. देश की सुरक्षा और विजय के लिए सूझबूझ व मज़बूत फ़ैसलों की ज़रूरत होती है. खोखले जुमलों से जीत नहीं मिलती!”
जैसे ही चीनी एकाउंट से वीडियो जारी हुआ तो इधर कई पत्रकार और नेता मोदी को सोशल मीडिया पर घेरने लग गए। जहाँ कांग्रेस के बी श्रीनिवास और राहुल गाँधी सरकार को इस मुद्दे पर आड़े हाथों लेने की कोशिश करते नज़र आये तो वही कुछ तथाकथित पत्रकार भी इनके सुर में सुर लगाने की कोशिशों में लग गए और किसी ने ये जानने की कोशिश नहीं की , क्या वास्तव में चीन ने गलवान से भारत की भूमि से वीडियो बनाया है या प्रोपेगैंडा फैलाने के लिए ऐसा किया है।
सोशल मीडिया पर लोग ये भी कहते नजर आये कि जनवरी में बिना बर्फ के गलवान घाटी का दिखना संभव नहीं है और चीन ने अपनी जमीन पर वीडियो बनाकर भारत में राजनीतिक फायदे के लिए प्रोपोगैंडा फ़ैलाने की कोशिश की है।
वही कुछ डिफेन्स एक्सपर्ट ने बताया है कि चीन ने जिस क्षेत्र से वीडियो बना कर जारी किया है वो क्षेत्र LAC से दूर चीनी क्षेत्र में है और GEO कॉर्डिनेट्स भी ऐसा ही बता रहे है। चीन इस तरह के फेक वीडियो और सूचनाएँ फैलाकर भारत में मोदी विरोधी गतिविधियों को हवा देने की कोशिश में लगा है और हाइब्रिड वारफेयर लड़ाई में अपने कदम आगे बढ़ा रहा है। साथ ही वीडियो देखने पर ऐसा लग रहा है कि वीडियो बनाने के लिए चीनी मीडिया के लोगों का सहारा लिया गया है और सैनिक, सैनिक ना होकर स्थानीय कलाकार हैं।