उदयपुर, कोटा और अजमेर सहित स्मार्ट सिटी में शामिल शहरों में कचरा प्रबंधन के लिए केंद्र राज्यों का सहयोग करने जा रहा है। इस काम के लिए सीआईटीआईआईएस 2.0 स्मार्ट मिशन लाया गया है, जो स्वच्छ भारत मिशन के साथ काम करेगा। इसका मुख्य उदेश्य जैविक कचरे से जैव-ईंधन बनाने के लिए गोबर धन मिशन को आगे बढ़ाना है।
केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने स्मार्ट सिटी मिशन में शामिल देशभर के सभी 100 शहरों से मिशन के तहत सहायता लेने के लिए आवेदन करने को कहा है। केंद्र ने स्मार्टसिटी में शामिल शहरों से 28 फरवरी 2024 तक अपने आवेदन सीआईटीआईआईएस प्रबंधन प्लेटफार्म के माध्यम से जमा कराने की टाइमलाइन तय की है।
केन्द्र ने इस कार्य के लिए कुल फंडिंग में एएफडी और केएफडब्ल्यू से 1760 करोड़ या 200 मिलियन यूरो (प्रत्येक से 100 मिलियन यूरो) का ऋण शामिल है। कार्यक्रम को यूरोपीय संघ से 106 करोड़ रुपए का तकनीकी सहायता अनुदान भी मिलेगा।
स्मार्ट सिटी मिशन के तहत सभी 100 स्मार्ट सीटी सहायता लेने के पात्र है। एकीकृत कचरा प्रबंधन पर ध्यान देने के साथ सर्कुलर अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने वाली 18 नवीन परियोजनाओं को सहायता के लिए चुना जाएगा। प्रत्येक परियोजना के लिए सीआईटीआई आईएस अनुदान राशि कुल परियोजना लागत का 80 प्रतिशत, 135 करोड़ रुपए तक सीमित होगी (उत्तर-पूर्वी और पहाड़ी राज्यों के मामलों में कुल परियोजना लागत का 90 प्रतिशत) । अतिरिक्त धनराशि यानि कुल परियोजना लागत का 20 प्रतिशत राज्य, स्थानीय सरकारों की ओर से स्वयं के स्रोत से जुटाया जाएगा।