जयपुर,14 सितंबर। वन एवं पर्यावरण मंत्री (स्वतंत्र प्रभार ) श्री संजय शर्मा ने रविवार को इंजीनियर दिवस की पूर्व संध्या पर अलवर के प्रताप ऑडिटोरियम में इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग (इंडिया) एवं द अलवर इंजीनियर्स एसोसिएशन के तत्वावधान में आयोजित 58वें इंजीनियर दिवस में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत कर इंजीनियरिंग क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले इंजीनियर्स को सम्मानित किया तथा विहान मैगजीन का विमोचन किया।
वन राज्य मंत्री श्री शर्मा ने इंजीनियर दिवस व हिन्दी दिवस की शुभकामनायें देते हुए उन्होंने देश के महान इंजीनियर भारत रत्न एम. विश्वेश्वरैया को नमन करते हुए कहा कि उनकी जयंती को इंजीनियर दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि इंजीनियरों ने अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र में योगदान देकर राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हाल के समय में तकनीकी क्रांति को आकार देने में उनकी भूमिका ने वैश्विक मंच पर भारत की प्रतिष्ठा को बढ़ाया है।
उन्होंने कहा कि यह सुखद संयोग ही है कि आज हिन्दी दिवस है और इंजीनियर दिवस की पूर्व संध्या पर यह आयोजन हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देश की संपर्क भाषा हिन्दी को सम्मान देने और ग्रामीण क्षेत्र के हिन्दी भाषी युवाओं को कठिनाइयों को समझते हुए इंजीनियरिंग व मेडिकल की पढ़ाई को हिन्दी भाषा व देश की अन्य भाषाओं में शुरू वंचित प्रतिभावान युवाओं को अपनी प्रतिभा देश की उन्नति में योगदान देने का अवसर दिया है। उन्होंने मेकिंग इंडिया जैसे कार्यक्रम चलाकर इंजीनियरिंग सेक्टर के लिए बहुत बड़ी संभावना व अवसर पैदा की है। मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा ने राइजिंग राजस्थान समिट पहले वर्ष में कर राजस्थान में बहुत बड़े अवसर औद्योगिक उन्नति व इंजीनियरिंग के लिए पैदा किये है।
उन्होंने द अलवर इंजीनियर्स एसोसिएशन के भवन में कौशल विकास कार्य हेतु इंडस्ट्रीज एक्सीलेंस भवन के लिए विधायक निधि कोष से 10 रूपये देने की घोषणा की। उन्होंने अशोक लीलेण्ड से भी सीएसआर फण्ड से 10 लाख रूपये उपलब्ध कराने में सहयोग करने का विश्वास भी दिया।
बानसूर विधायक श्री देवी सिंह शेखावत ने इंजीनियर दिवस व हिन्दी दिवस की शुभकामनायें देकर कहा कि अलवर में इंजीनियरिंग एसोसिएशन बहुत प्रोफेशनल तरीके से कार्य कर जिले व प्रदेश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।उन्होंने कहा कि अलवर यूआईटी चेयरमैन के कार्यकाल के दौरान द अलवर इंजीनियर्स एसोसिएशन के कार्यालय के लिए भूमि का आवंटन करने का सौभाग्य मिला था। उन्होंने प्राचीन भारत की इंजीनियर भी आज भी मिशाल है।