जयपुर, 12 नवम्बर। प्रदेश में 5 वर्ष तक के सभी बच्चों की निमोनिया स्क्रीनिंग एवं इससे होने वाली जटिलताओं, तथ्यों आदि के प्रति आमजन को जागरूक करने के लिए 12 नवम्बर से 28 फरवरी तक 'सांस' अभियान संचालित किया जाएगा। इस दौरान निर्धारित थीम ‘निमोनिया नहीं तो बचपन सही’ पर विभिन्न जागरूकता गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।
मिशन निदेशक एनएचएम डॉ. अमित यादव ने बुधवार को स्वास्थ्य भवन में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित ब्लॉक व सेक्टर स्तरीय अधिकारियों एवं कार्मिकों की अमुखीकरण बैठक में अभियान के संबंध में विस्तार से दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सर्दी के मौसम में बच्चों में निमोनिया का खतरा अधिक रहता है। इस अभियान में 5 वर्ष तक की आयु वाले सभी बच्चों की निमोनिया की स्क्रीनिंग की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी अपने जिले में स्किल लैब की विजिट करते हुए वहां सभी संसाधनों की उपलब्धता के साथ ही इसकी क्रियाशील सुनिश्चित करें।
मिशन निदेशक ने कहा कि निमोनिया स्किल लैब के माध्यम से संबंधित चिकित्सा अधिकारियों व नर्सिंग अधिकारियों का प्रशिक्षण पूर्ण किया जाना सुनिश्चित करें। प्रदेश के समस्त चिकित्सा संस्थानों, आयुष्मान आरोग्य मंदिर व आंगनबाडी केन्द्रों तथा मुख्य स्थानों पर बच्चों में निमोनिया से बचाव एवं निमोनिया होने पर क्या करें संबंधी तथ्यों पर आधारित प्रचार सामग्री प्रदर्शित करें।
निदेशक आरसीएच डॉ. मधु रतेश्वर ने सभी जिलों में प्रत्येक आशा को समुचित मात्रा में अमॉक्सिसीलिन सिरप एवं प्रत्येक एएनएम एवं सीएचओ को इंजेक्शन जेन्टागाईशिन एवं अमॉक्सिसीलिन सिरप की समुचित मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित कराने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि आशाओं व एएनएम को प्रत्येक ब्लॉक व सेक्टर बैठकों द्वारा बच्चों में निमोनिया के लक्षण की पहचान हेतु आमुखीकरण करें।
परियोजना निदेशक शिशु स्वास्थ्य डॉ. प्रदीप चैधरी ने प्रजेंटेशन के माध्यम से सांस अभियान के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की।
बैठक में जिलों से जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी, ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी, सीएचसी, यूपीएचसी, पीएचसी के प्रभारी, एनएचएम के सभी जिला कार्यक्रम प्रबन्धक, जिला समन्वयक आशा एवं आईईसी सहित संबंधित अधिकारी वीसी के माध्यम से जुड़े।