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Current News / कैबिनेट ने सरकारी कंपनियों को बिना किसी जुर्माने के गैर-परिचालन वाले कोयला खदानों को वापस करने के लिए वन-टाइम विंडो देने की मंजूरी दी

clean-udaipur कैबिनेट ने सरकारी कंपनियों को बिना किसी जुर्माने के गैर-परिचालन वाले कोयला खदानों को वापस करने के लिए वन-टाइम विंडो देने की मंजूरी दी
DINESH BHATT April 09, 2022 10:37 AM IST

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने आज कोयला मंत्रालय के उस प्रस्‍ताव को मंजूरी दे दी हैजिसमें केंद्र और राज्‍य के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को बिना किसी जुर्माने (बैंक गारंटी की जब्ती) और बिना कोई कारण बताए गैर-परिचालन वाली खदानों को सरकार को वापस करने के लिए वन-टाइम विंडो देने का प्रावधान है। इस फैसले से कई कोयला खदानें सरकार को वापस मिल सकती हैंजिन्हें वर्तमान में आवंटन प्राप्त सरकारी पीएसयू विकसित करने की स्थिति में नहीं हैं या इस कार्य में उनकी कोई रुचि नहीं है तथा वर्तमान नीलामी नीति के अनुसार उनकी नीलामी की जा सकती है। आवंटन प्राप्त सरकारी कम्पनियों को खदान वापस करने की स्वीकृत नीति के प्रकाशन की तिथि से तीन माह में कोयला खदानों को वापस करने का समय दिया जाएगा।

2014 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा कोयला ब्लॉकों को रद्द करने के बादताप विद्युत संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति में तात्कालिक व्यवधान को रोकने के लिए सरकार ने आवंटन के जरिये राज्य और केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों को कई रद्द किए गए कोयला ब्लॉक आवंटित किए थे। आवंटन का काम तेजी से किया गया और यह उम्मीद की गयी कि राज्य विद्युत उत्पादन कंपनियों को कोयले की आवश्यकता उन ब्लॉकों से पूरी हो जाएगी। राज्य/केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा देय राजस्व की हिस्सेदारीप्रति टन के आधार पर तय की गयीजबकि निजी क्षेत्र को इसके लिए बोली लगानी होती है। उस समय के कोयला ब्लॉकों के आवंटन के संदर्भ मेंकोयला ब्लॉकों के परिचालन के लिए समय-सीमा की शर्तें बहुत कठोर थीं और सफल आवंटी या नामित प्राधिकारी के लिए छूट की कोई संभावना नहीं छोड़ी गई थी। कोयला खदानों के परिचालन में देरी के लिए दंड के परिणामस्वरूप विवाद हुए और अदालती मामले सामने आए।

दिसंबर-2021 तकसरकारी कंपनियों को आवंटित 73 कोयला खदानों में से 45 खदानें गैर-परिचालन अवस्था में निष्क्रिय पड़ीं रहीं और 19 कोयला खदानों के मामले मेंखनन कार्य शुरू करने की नियत तारीख पहले ही समाप्त हो चुकी है। विलंब की वजहेंआवंटियों के नियंत्रण से बाहर थींउदाहरण के लिएकानून-व्यवस्था के मुद्देपहले घोषित किए गए क्षेत्र की तुलना में वन के क्षेत्रफल में बढ़ोतरीभूमि अधिग्रहण के खिलाफ भूस्वामियों का प्रतिरोधकोयला संसाधनों की उपलब्धता के संदर्भ में भूगर्भीय अप्रत्याशित तथ्य।

कोयला क्षेत्रदेश के लिए ऊर्जा सुरक्षा की कुंजी है। अनुमोदन के तहतअच्छी गुणवत्ता वाले कोयला ब्लॉक जिन्हें जल्दी आवंटित किया गया थाको फिर से काम लायक बनाया जा सकता हैलेकिन इसके लिए तकनीकी कठिनाइयों को दूर किये जाने और सीमाओं को समायोजित किये जाने की जरूरत है। इसके बादइन्हें हाल ही में शुरू की गई वाणिज्यिक कोयला खदान नीलामी नीति के तहत इच्छुक पक्षों को दिया जा सकता है। कोयला ब्लॉकों के शीघ्र परिचालन से रोजगार मिलेगानिवेश को बढ़ावा मिलेगादेश के पिछड़े क्षेत्रों के आर्थिक विकास में योगदान प्राप्त होगाअदालती विवादों में कमी आयेगी और व्यापार करने में आसानी को प्रोत्साहन मिलेगाजिससे देश में कोयले के आयात में कमी आएगी।                       

 

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