तमिलनाडु में प्रस्तावित RSS के रूट मार्च को लेकर आरएसएस को सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिल गयी है। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के मार्च के खिलाफ तमिलनाडु सरकार की ओर से दायर याचिका को खारिज कर दिया है। दरअसल, इस मामले में मद्रास हाईकोर्ट ने पहले ही संघ को तय मार्गों से मार्च निकालने की इजाजत दे दी थी। हालांकि, तमिलनाडु सरकार ने इस मंजूरी के खिलाफ ही सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। अब सर्वोच्च न्यायालय ने उसकी याचिका खारिज कर दी है।
इससे पहले तमिलनाडु सरकार 6 जिलों में इस मार्च को यह कहकर इजाजत नहीं दे रही थी कि इन इलाकों में PFI का प्रभाव है। मामले को लेकर हाईकोर्ट ने यात्रा को मंजूरी दी थी जिसे राज्य सरकार ने SC में चुनौती दी थी।
राज्य सरकार के इस फैसले के खिलाफ आरएसएस ने मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। जिस पर हाईकोर्ट ने छह जगहों को छोड़कर बाकी जगहों पर आरएसएस को मार्च रैली करने की इजाजत दे दी। हालांकि, मार्च की मंजूरी के साथ ही कोर्ट ने कुछ शर्तें भी लगाई थी। जिसके तहत आरएसएस कार्यकर्ताओं को बिना लाठी डंडे या हथियारों के मार्च निकालने और किसी भी ऐसे मुद्दे पर बोलने से मना किया गया था, जिससे देश की अखंडता पर असर पड़े। हालांकि कोर्ट के फैसले से नाखुश आरएसएस ने छह नवंबर को होने वाले रूट मार्च कार्यक्रम को स्थगित कर दिया था।