कोरोना की भारतीय वैक्सीन कोवैक्सीन (Covaxin) को बदनाम करने के लिए जहां विश्व की अन्य फार्मा कंपनियां जी जान से लगी हुई हैं, वहीं इनके एजेंट भारत में भी इसके खिलाफ उल जलूल बातें लिखकर विरोध में प्रचार करते नजर आते हैं। यहाँ तक कि कई मीडिया कंपनियां, पत्रकार और तथाकथित बुद्धिजीवी भारतीय वैक्सीन कोवैक्सीन (Covaxin) और इसे बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक (Bharat Biotech) के खिलाफ सोशल मीडिया पर माहौल बनाने के लिए लगातार मेहनत कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर और विभिन्न मीडिया समूहों द्वारा अपने न्यूज़ पोर्टल पर भारत बायोटेक और को वैक्सीन के खिलाफ चलने वाली न्यूज़ पर भारत बायोटेक ने संज्ञान लेते हुए प्रेस नोट जारी कर फैक्ट चेक दिए हैं।
इसके अनुसार सबसे पहले मनीकंट्रोल (moneycontrol) वेबसाइट द्वारा 29 दिसंबर 2021 के उस आर्टिकल का जिक्र किया गया है जिसमें यह कहा गया था कि 15 से 18 वर्ष के बच्चों के टीकाकरण के 10 करोड़ के लक्ष्य को भारत बायोटेक (Bharat Biotech) अगले महीने तक पूरा नहीं कर पाएगा । इसका जवाब देते हुए भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने कहा है कि पिछले 11 महीनों से वयस्कों का वैक्सीनेशन का दौर जारी है, जिसमें से 60% से ज्यादा की आबादी ने वैक्सीन की दोनों डोज ले ली है। इसी तरह हम 15 से 18 आयु वर्ग के बच्चों का वैक्सीनेशन अगले कुछ महीनों में पूरा कर लेंगे । कंपनी ने कभी भी एक महीने में इतना बड़ा वैक्सीनेशन करने की बात नहीं की है । साथ ही आर्टिकल में कहा गया है कि कंपनी ने हासकिन्स वेटरिनरी इंस्टीट्यूट गुजरात से कोई समझौता किया है ।इस पर जवाब देते हुए भारत बायोटेक ने कहा है कि उपरोक्त नाम की कोई कंपनी भारत में मौजूद नहीं है। टेक्नोलॉजी ट्रांसफर तीन कंपनियां के साथ किया गया है ,जिनमें से एक कंपनी फिलहाल वैक्सिन का निर्माण कर रही है।
साथ ही भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने स्पष्ट करते हुए कहा है कि कोवैक्सीन (Covaxin) के ट्रायल के लिए 2 से 18 वर्ष के बच्चों पर वैक्सीन ट्रायल किए गए हैं।
इसके बाद भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने टाइम्स ऑफ इंडिया के 25 दिसंबर 2021 की उस खबर का खंडन किया है जिसमें कहा गया था कि बेंगलुरु के निजी अस्पतालों में साढ़े पांच लाख से ज्यादा को वैक्सीन की डोज नवंबर-दिसंबर के महीने में एक्सपायर हो जाएगी । इस पर भारत बायोटेक (Bharat Biotech)का कहना है कि कंपनी के पास उपलब्ध डाटा के अनुसार 25 दिसंबर तक 1 लाख से भी कम एक्सपायर्ड वैक्सीन बेंगलुरु के निजी अस्पतालों में पड़ी है ।
इसके बाद भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने डेक्कन हेराल्ड की 5 जनवरी 2022 के उस आर्टिकल का खंडन किया जिसमें कहा गया था कि भारतीय अभिभावकों का बच्चों को टीका लगवाने का आत्मविश्वास कम है क्योंकि कंपनी ने ह्यूमन ट्रायल्स के लिए सैंपल साइज या लोगों की संख्या बहुत कम रखी है । इस पर भारत बायोटेक (Bharat Biotech) का कहना है कि लगभग 26,000 से ज्यादा लोगों पर ह्यूमन ट्रायल्स की गई हैं जो कि भारत में इस तरह की की वैक्सीन ट्रायल्स के लिए सबसे बड़ा नंबर है और इस बारे में विश्व की कई अन्य मेडिकल जनरल में भी प्रकाशित किया गया है।
इसके साथ ही भारत बायोटेक ने इसके बाद में भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने 'द वायर' नाम के न्यूज़ पोर्टल के द्वारा 29 दिसंबर 2021 को प्रकाशित उस खबर का खंडन किया जिसमें कहा गया था कि कंपनी के पास कोवैक्सीन (Covaxin) द्वारा पैदा की गई इम्यून रिस्पांस का कोई डाटा उपलब्ध नहीं है । इस पर भारत बायोटेक का कहना है कि इस तरीके का डाटा पहले से ही वर्ष 2020 और 2021 में विभिन्न मेडिकल जनरल पर पहले ही उपलब्ध है। इसके साथ ही बूस्टर डोज का डाटा भी अथॉरिटीज को उपलब्ध करवा दिया गया है। की उस न्यूज़ का भी खंडन किया है जिसमें कहा गया था कि भारत बायोटेक में 6 लाख कोवैक्सीन (Covaxin) की एक्सपायर्ड डोज के 90% स्टॉक को बेंगलुरु से वापिस मंगवा कर दोबारा रिलेबल किया है। इस पर भारत बायोटेक ने कहा कि बेंगलुरु के निजी अस्पतालों के पास 25 दिसंबर तक 1 लाख से भी कम एक्सपायर्ड वैक्सीन की डोज उपलब्ध हैं।
इसके बाद में भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने 'द वायर' नाम के न्यूज़ पोर्टल के द्वारा 29 दिसंबर 2021 को प्रकाशित उस खबर का खंडन किया जिसमें कहा गया था कि कंपनी के पास कोवैक्सीन (Covaxin) द्वारा पैदा की गई इम्यून रिस्पांस का कोई डाटा उपलब्ध नहीं है । इस पर भारत बायोटेक (Bharat Biotech) का कहना है कि इस तरीके का डाटा पहले से ही वर्ष 2020 और 2021 में विभिन्न मेडिकल जनरल पर पहले ही उपलब्ध है। इसके साथ ही बूस्टर डोज का डाटा भी अथॉरिटीज को उपलब्ध करवा दिया गया है।