गीता प्रेस गोरखपुर को साल 2021 का गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित किया जाने का फैसला लिया गया है । गांधी शांति पुरस्कार भारत सरकार की ओर से स्थापित एक वार्षिक पुरस्कार है जो साल 1995 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 125वीं जयंती के अवसर पर उनके आदर्शों के प्रति श्रद्धांजलि के रूप में इस पुरस्कार की स्थापना की गई थी। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार दिए जाने के फैसले की आलोचना की है। वही सूत्र बता रहे है कि कांग्रेस पार्टी जयराम रमेश के ट्वीट से नाराज है।
जयराम रमेश ने गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार देने का विरोध किया है। उन्होंने गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार दिए जाने की तुलना सावरकर और गोडसे से की है।
कांग्रेस नेता जयराम नरेश ने गीताप्रेस को गांधी शांति अवार्ड देने की घोषणा पर विवादित बयान दिया। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिख कि गीताप्रेस गोरखपुर को पुरस्कार देना वास्तव में एक उपहास है। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि गीताप्रेस को पुरस्कार देना मतलब सावरकर और गोडसे को पुरस्कार देने जैसा है। मालूम हो कि गीताप्रेस को गांधी शांति पुरस्कार 2021 देनेी की घोषणा हुई है। इस पर पीएम नरेंद्र मोदी ने बधाई भी दी थी।
जयराम नरेश ने अपने ट्वीट में लिखा कि "गोरखपुर में गीता प्रेस को 2021 के लिए गांधी शांति पुरस्कार प्रदान किया गया है जो इस वर्ष अपनी शताब्दी मना रहा है। अक्षय मुकुल द्वारा इस संगठन की 2015 की एक बहुत ही बेहतरीन जीवनी है, जिसमें वह महात्मा के साथ इसके तूफानी संबंधों और उनके राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक एजेंडे पर उनके साथ चल रही लड़ाइयों का पता लगता है। यह फैसला वास्तव में एक उपहास है और सावरकर और गोडसे को पुरस्कार देने जैसा है।