जयपुर, 28 मार्च। राज्यसभा सांसद श्री नीरज डाँगी ने केन्द्रीय जलशक्ति मंत्रालय से झीलों और जल स्रोतों के पुनरूर्द्धार, विस्तार एवं गाद निकालने के लिये आवंटित निधि पर उठाये गये तारांकित प्रश्न पर पूरक प्रश्न पूछते हुए राजस्थान के अजमेर संभाग (जिला टोंक) की महत्वाकांक्षी बीसलपुर-जयपुर पेयजल परियोजना के द्वितीय चरण के संवर्धन, क्रियान्वयन हेतु वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराये जाने के विषय पर सदन में चर्चा की तथा इस पर केन्द्र सरकार की मंशा सदन में उजागर किये जाने के साथ-साथ इस परियोजना के लिए जल्द से अतिरिक्त निधि आवंटित करने की मांग रखी।
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम से रोजगार सृजन में हुई कमी
श्री नीरज डाँगी द्वारा एक अन्य अतारांकित प्रश्न उठाते हुए सदन में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री से विगत तीन वर्षों के दौरान प्रधानमंत्री रोजगार योजना (पीएमआरवाई) जो 2007-08 में बंद कर 2008-09 में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के नाम से चलायी जा रही है से बेरोजगार युवाओं को ऋण उपलब्ध कराये जाने की जानकारी मांगते हुए इससे कितने बेरोजगार युवाओं को लाभ मिलने का प्रश्न पूछा, जिसके प्रत्युत्तर में सरकार द्वारा देश के 80 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन किया जाना बताया गया जबकि राजस्थान में 10 प्रतिशत रोजगार के आंकडे प्रस्तुत किये गये। श्री डांगी ने बताया कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत युवाओं को ऋण एवं उससे अनुमानित रोजगार सृजन वर्ष 2019-20 की तुलना में 2020-21 में 10 प्रतिशत कम रहा जो निराशाजनक है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम में इकाईयों की स्थापना की वृद्धि दर को देखते हुए भी यह बहुत ही कम है।
एयर इंडिया के निजीकरण से "अफर्मेटिव एक्शन प्लान" पर पड़ने वाले प्रभावों का मुद्दा उठा सदन में
राज्यसभा सांसद श्री नीरज डांगी ने एयर इंडिया के निजीकरण किए जाने से अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के रोजगार और उनके हित संरक्षण के लिए संचालित ‘अफर्मेटिव एक्सन योजना' पर पड़ने वाले प्रभावों के साथ-साथ एयर इंडिया की सहायक कम्पनीज़ को टाटा को बेचे जाने से संबंधित प्रश्न सदन में उठाया। श्री डांगी के प्रश्न का उत्तर देते हुए नागर विमानन राज्यमंत्री ने बताया कि कंपनी द्वारा कर्मचारियों की संख्या में कमी करने की स्थिति में अनुसूचित जातियों/अनुसूचित जनजातियों, विकलांग व्यक्तियों और समाज के सामाजिक रूप से वंचित वर्ग के कर्मचारियों की संख्या में अन्त में छंटनी करके उनकी सेवाएं समाप्त की जायेगी। सदन में नागर विमानन राज्यमंत्री द्वारा यह भी जानकारी दी गई कि एलायंस एयर एविएशन लि., एयर इंडिया इंजिनियरिंग सर्विसेज लि. और होटल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड घाटे में चल रहे थे, जबकि एयर इंडिया एयरपोर्ट सर्विसेज लि. लाभ में चल रही थी। इन सहायक कम्पनियों को अलग से बेचने से बोली लगाने में अधिक प्रतिस्पर्धा को बढावा मिलेगा इसलिए निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग द्वारा शेष सहायक कम्पनियों के विनिवेश की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।