उदयपुर,14 नवम्बर 2022 : राजस्थान के उदयपुर में उदयपुर-अहमदाबाद रेलवे ट्रैक पर ओढ़ा ब्रिज के विस्फोट की जांच में फिलहाल स्थानीय पुलिस के हाथ-पांव फूले हुए हैं। इसके साथ ही अभी तक केंद्रीय एजेंसीज के पास भी कुछ ठोस तथ्य हाथ नहीं आये है।
वही केंद्रीय एजेंसीज विस्फोट की साजिश को लेकर कई एंगल्स पर जांच कर रही है। सबसे पहला एंगल गुजरात चुनाव को जोड़कर देखा जा रहा है । तो वही दूसरे एंगल में G-20 शेरपा बैठक को लेकर भारत को बदनाम करने की साजिश के तौर पर भी देखा जा रहा है । इसके साथ ही केंद्रीय एजेंसीज इस विस्फोट के पीछे पीएफआई को जोड़कर भी जांच की ओर देख रही है। केंद्रीय एजेंसी रेडिकलाइज्ड ट्राइबल लोकल मॉड्यूल की कार्यप्रणाली पर भी ध्यान दे रही हैं। ट्रैक को उड़ाने के पीछे बड़े ट्रेन हादसे को अंजाम देने की साजिश का अंदेशा जताया जा रहा है। इस पूरे मामले में आतंकी कनेक्शन भी हो सकता है, जिसकी पुष्टि की लिए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को भी जांच में लगा दिया है। एनआईए के अलावा मामले की जांच में आतंकवाद रोधी दस्ते (ATS) और रेलवे सुरक्षा बल (RPF) की टीमें में जुटी हैं। के साथ ही आज उड़ा ब्रिज पर केंद्रीय एजेंसी नेशनल सिक्योरिटी गार्ड एनएसजी की टीम पहुंचकर विस्तृत जांच कर रही है।
रेल मंत्री ने उठाये तुरंत कदम
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को कहा कि उदयपुर रेल पटरी विस्फोट के आरोपियों को कड़ी सजा दी जाएगी और राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की टीम अन्य एजेंसियों के साथ मौके पर है।
हाल में शुरू की गई असरवा-उदयपुर एक्सप्रेस ट्रेन के जिले (उदयपुर) के जावर माइंस थाना क्षेत्र से गुजरने से कुछ घंटे पहले शनिवार को यहां रेल पटरी पर विस्फोट हो गया।
वैष्णव ने कहा, ‘‘उदयपुर से करीब 35 किमी की दूरी पर पटरी पर विस्फोट हुआ और आतंकवाद रोधी दस्ता, एनआईए तथा रेलवे सुरक्षा बल जैसी हमारी सर्वश्रेष्ठ एजेंसियां घटनास्थल पर है। आरोपियों को कड़ी सजा दी जाएगी। पुल मरम्मत करने वाली टीम भी मौके पर है।’’
इसी के साथ विश्वस्त सूत्रों ने बताया है कि ओढा पुल पर विस्फोट की साजिश के बाद ट्रैक को दुरुस्त कर लिया गया है। मौके पर फिलहाल एनआईए और एटीएस की टीम साक्ष्य जुटाने में लगी है और आज शाम से उदयपुर अहमदाबाद ट्रेन का पुनः संचालन किया जाएगा।
क्या है पूरा मामला
उदयपुर-अहमदाबाद ब्रॉड गेज रेलवे लाइन को विस्फोटक के जरिए उड़ाने की खतरनाक साजिश रची गयी थी। बदमाशों ने उदयपुर जिले के केवड़ा जंगल के आगे ओड़ा पुल को उड़ाने का प्रयास किया। 13 दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस लाइन का लोकार्पण किया था।
उदयपुर से करीब 35 किलोमीटर दूर सलूम्बर मार्ग पर केवड़े की नाल में ओढ़ा रेलवे पुल की है। स्थानीय लोगों ने शनिवार रात के आसपास धमाके की आवाज सुनी। इसके बाद अगले दिन सुबह कुछ लोग पटरी पर पहुंचे तो वहां के हालात देखकर चौंक गए। वहां रेलवे लाइन पर बारूद पड़ा हुआ था। इसके साथ ही लोहे की पटरियां कई जगह से टूटी हुई थीं। पुल पर लाइन से नट-बोल्ट भी गायब मिले। जिसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचना दी।
आतंकी एंगल से जांच हो गयी शुरू
घटनास्थल पर राजस्थान पुलिस की एंटी टेरेरिस्ट स्क्वॉड पहुंच कर जांच कर रही है। एटीएस आतंकी साजिश के एंगल से जांच में जुटी है। सूत्रों के अनुसार डेटोनेटर से पुल को उड़ाने की साजिश सामने आई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा को डिटेल जांच के निर्देश दिए हैं।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पूरी प्लानिंग के साथ ब्लास्ट किया गया है। ब्लास्ट के लिए जिस डेटोनेटर का इस्तेमाल किया गया है, वो सुपर 90 श्रेणी का है। मौके से बम स्क्वॉड और फोरेंसिक टीम ने सबूत जुटाए हैं।
बता दें कि उदयपुर-अहमदाबाद रेलवे ट्रैक पहले मीटर गेज यानी छोटी लाइन थी। इसे हटाकर ब्रॉड गेज में तब्दील किया गया। 31 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद के असारवा स्टेशन से ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर इस रेलवे लाइन का लोकार्पण किया था। अपने बांसवाड़ा के मानगढ़ दौरे पर भी प्रधानमंत्री मोदी ने इस रेलवे लाइन को लेकर जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि यह लाइन इस इलाके में औद्योगिक विकास को गति देगी। इसके साथ ही उदयपुर और इसके आसपास के जिलों के लोगों के लिए गुजरात आने-जाने में आसानी होगी।