कर्नाटक के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में पीएफआई और बजरंग दल जैसे संगठनों को बैन किये जाने की बात कही और इसके बाद ही इसका सोशल मीडिया पर भारी विरोध देखा जा रहा है। सोशल मीडिया पर यूज़र्स ये कहने से भी नहीं चूक रहे है कि ये मेनिफेस्टो जिसने भी लिखवाया है वो पक्का मोदी से मिला हुआ है।कुछ यूज़र्स कह रहे कि भाजपा ने PFI पर प्रतिबंध लगाया, इसलिए काँग्रेस भी वोट बैंक के लिए तुष्टीकरण के लिए बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की बात कह रही है।
वहीं कांग्रेस के घोषणा पत्र में बजरंग दल के बैन करने पर पीएम मोदी ने बयान दिया कि -"पहले कांग्रेस के लोग प्रभु श्री राम को ताले में बंद कर रहे थे। अब बजरंगबली को ताले में बंद करने का निर्णय लिया है।" इस पर कांग्रेस के कर्नाटक प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, “भगवान हनुमान पवित्रता, श्रद्धा और कर्तव्य के प्रति प्रतिबद्धता और सेवा और बलिदान के प्रतीक हैं।”
उन्होंने कहा, “भगवान हनुमान की तुलना किसी व्यक्ति या संगठन के पर्याय के रूप में करना अपमान है और पीएम मोदी हनुमान जी के लाखों भक्तों की भावनाओं को ठेस पहुंचा रहे हैं।”
दूसरी ओर राजस्थान में इसी साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में कर्नाटक पर सबकी नजरें टिकीं हुई हैं। कांग्रेस द्वारा जारी किए गए घोषणा पत्र में वादा किया गया है कि सरकार आने पर बजरंग दल पर बैन लगाया जाएगा। इसका असर राजस्थान तक दिखने लगा है, क्योंकि बीजेपी ने यहां ने इसे यहां मुद्दा बनाया है। उपनेता प्रतिपक्ष डॉ. सतीश पुनियां ने कांग्रेस पर करारा प्रहार करते हुए सतीश पुनियां ने ट्वीट कर कहा है कि कांग्रेस और बीजेपी में यही अंतर है कि बीजेपी देश के खिलाफ षडयंत्र रचने वाली संस्थाओं पर चोट करती है और कांग्रेस राष्ट्रवाद की बात करने वाली संस्थाओं पर।
भारतीय जनता पार्टी की तरफ से हाल ही में 'यूनिफॉर्म सिविल कोड' को लेकर संकल्प पत्र में जोर दिया गया था। इसके बाद कांग्रेस ने भी जवाबी हमला करते हुए कहा, "अगर कांग्रेस पार्टी सत्ता में आती है तो बजरंग दल जैसे संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। अब इसे लेकर ट्विटर पर खासा घमासान देखने को मिल रहा है।
बजरंग दल को एक महत्वपूर्ण हिन्दुत्व संगठन माना जाता है। इसकी स्थापना 8 अक्टूबर, 1984 को अयोध्या में हुई थी। विनय कटियार बजरंग दल के संस्थापक-अध्यक्ष हैं। ऐसा माना जाता है कि श्रीराम जानकी रथ यात्रा के दौरान ही इसकी स्थापना हुई थी। इस दल का मुख्य मकसद लोगों तक हिंदुत्व को पहुंचाना था। बाद में इसके साथ कई युवा और साधु-संत भी जुड़ते गए। धीरे-धीरे इसकी लोकप्रियता पूरे देश में फैल गई।
कैसे काम करता है बजरंग दल ?
बजरंग दल की तरफ से हर साल देश भर में कार्यकर्ताओं के ट्रेनिंग करवाई जाती है। साथ ही हिंदू धर्म के लिए देशभर में इसके कार्यकर्ता जागरुकता अभियान करते हैं। साथ ही इसके कार्यकर्ता सामाजिक कार्यों में लगातार हिस्सा लेते हैं। संगठन की तरफ से रक्दतान शिविर भी लगाए जाते हैं।
इसके अलावा बजरंग दल को गोवंश को बचाने को लेकर भी जाना जाता है। इसमें 22 लाख कार्यकर्ता और 25 लाख से अधिक सदस्य शामिल हैं।