जयपुर, 11 मार्च। पंचायतीराज मंत्री श्री रमेश मीणा ने शुक्रवार को विधानसभा में आश्वस्त किया ‘‘प्रशासन गांवों के संग अभियान‘‘ के दौरान दौसा जिले के मण्डावर क्षेत्र में प्राप्त आवेदनों में से स्वीकृत आवेदनों में पट्टे जारी नहीं होने की जाँच में जो भी अधिकारी या सरपंच दोषी पाया जाता है तो उसके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
श्री मीणा ने प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा इस सम्बन्ध में पूछे गये पूरक प्रश्नों के जवाब में बताया कि ‘‘प्रशासन गांवों के संग अभियान‘‘ के दौरान दौसा जिले के मण्डावर कस्बे में आयोजित शिविर में पट्टों के लिए कुल 80 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमे 68 आवेदन निरस्त कर दिये गये थे। उन्होंने बताया कि जो 12 पट्टे स्वीकृत किये गये उनमें 7 विद्युत पट्टे जारी कर दिये गये है।
उन्होंने बताया कि 90 दिन बाद भी शेष रहे 5 पट्टे जारी नहीं करने की शिकायत प्राप्त हुई है, जिसकी जाँच कराई जायेगी। उन्होंने कहा कि जाँच में सम्बन्धित सरपंच के दोषी पाये जाने पर पंचायतीराज की धारा 38 के नियमों में कार्रवाही की जायेगी तथा किसी अधिकारी के दोषी पाये जाने पर नियमानुसार कार्रवाही सुनिश्चित की जायेगी।
इससे पहले पंचायतीराज मंत्री ने विधायक श्री ओमप्रकाश हुड़ला के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि प्रशासन गांवों के संग अभियान-2021 के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक पात्र परिवारों को पट्टे जारी करने का लक्ष्य रखा गया था। उन्होंने बताया कि प्रशासन गांवों के संग अभियान-2021 मे कुल 10 लाख 13 हजार 348 पट्टे जारी किये गये है। उन्होंने उक्त अेभियान के तहत दौसा जिले में विधानसभा व क्षेत्रवार वितरित किये गये पट्टे तथा लंबित आवेदनों का विवरण सदन के पटल पर रखते हुए बताया कि वर्तमान में कोई आवेदन लंबित नहीं है।