कपड़ा मंत्रालय में सचिव श्री यू पी सिंह की अध्यक्षता में चयन समिति ने कपड़ा क्षेत्र के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) स्कीम के तहत 61 आवेदकों का चयन किया है। पीएलआई स्कीम के लिए कुल 67 आवेदन प्राप्त किए गए थे जिसमें से 15 आवेदन भाग-1 के तहत तथा 52 आवेदन भाग - 2 के तहत हैं।
कपड़ा मंत्रालय में सचिव श्री यू पी सिंह ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि अनुमति प्राप्त 61 आवेदनों में से आवेदकों से अपेक्षित कुल प्रस्तावित निवेश 19,077 करोड़ रुपये है तथा 240,134 के कुल प्रस्तावित प्रत्यक्ष रोजगार के साथ पांच वर्षों की अवधि के लिए अनुमानित टर्नओवर 184,917 करोड़ रुपये का है।
इस स्कीम के दो भाग हैं। भाग 1 में न्यूनतम निवेश 300 करोड़ रुपये का है तथा प्रोत्साहन प्राप्त करने के लिए अपेक्षित न्यूनतम टर्नओवर 600 करोड़ रुपये का है। भाग 2 में न्यूनतम निवेश 100 करोड़ रुपये का है तथा प्रोत्साहन प्राप्त करने के लिए अपेक्षित न्यूनतम टर्नओवर 200 करोड़ रुपये का है।
सरकार ने कपड़ा उत्पादों जिनके नाम एमएमएफ अपैरन, एमएमएफ फैब्रिक्स तथा टेक्निकल टेक्स्टाइल के उत्पादों के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) स्कीम को पांच वर्ष की अवधि के लिए 10,683 करोड़ रुपये के अनुमोदित वित्तीय परिव्यय के साथ भारत की विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने तथा निर्यात में बढोतरी करने के लिए मंजूरी दी। सेक्टर के विकास को और बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने कपास से आयात शुल्क को भी हटा दिया।
इस स्कीम के लिए अधिसूचना 24.09.2021 को जारी की गई। उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई ) स्कीम के लिए प्रचालनगत दिशा-निर्देश 28.12.2021 को जारी किए गए। कपड़ा के लिए पीएलआई स्कीम के तहत आवेदनों को 01.01.2022 से 28.02.2022 तक वेब पोर्टल के माध्यम से प्राप्त किया गया।
स्कीम के तहत चयन समिति द्वारा चयनित 61 आवेदक वर्तमान में इस प्रकार है:
स्कीम भाग -1
- अवगोल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड
- क्यूबैटिक्स इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड
- गेवा ग्लास फाइबर लिमिटेड (जीजीएफएल)
- एच पी कॉटन टेक्स्टाइल मिल्स लिमिटेड
- हिमतसिंगका सैडे लिमिटेड
- किंबर्ली क्लार्क इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (विद्यमान दिशानिर्देशों के अनुरुप स्कीम के तहत निवेश तथा उत्पादन के लिए एक नई कंपनी के गठन के अध्यधीन)
- मदुरा इंडस्ट्रियल टेक्स्टाइल लिमिटेड
- एमसीपीआई प्राइवेट लिमिटेड
- पैरागौन अपैरल प्राइवेट लिमिटेड
- प्रतिभा सिंटेक्स लिमिटेड
- शाही एक्सपोट्र्स प्राइवेट लिमिटेड
- श्री दुर्गा सिंटेक्स प्राइवेट लिमिटेड
- त्रिडेंट लिमिटेड
स्कीम भाग -2
- एवाईएम सिटेंक्स लिमिटेड
- केनिंगटन इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड
- एमआई इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड
- सिल्कोन सिंथेटिक्स एंड कॉटन डाइंग प्राइवेट लिमिटेड
- यंगमैन वूलेन मिल्स प्राइवेट लिमिटेड
- ऑटोलिव इंडिया प्राइवेट लिमिटेड
- डोनियर इंडस्ट्रीज लिमिटेड
- एंडुराफैब प्राइवेट लिमिटेड ( ईपीएल )
- फाइबरवौल्ट नोनवोवेंस प्राइवेट लिमिटेड
- मोहिनी हेल्थ एंड हाइजिन लिमिटेड ( एमएचएचएल )
- नैने प्राइवेट लिमिटेड
- नोबल हाइजिन प्राइवेट लिमिटेड
- ओबिटी प्राइवेट लिमिटेड
- पैन टेक्स नौनवोवेन प्राइवेट लिमिटेड
- रैड ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड
- श्रुति फाइनेंशियल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड
- स्वरा बेबी प्रोड्क्ट्स प्राइवेट लिमिटे
- कैंडेक्स फिलामेंट प्राइवेट लिमिटेड
- गेनअप इंडस्ट्रीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड
- गोकलदास एक्सपोट्र्स लिमिटेड
- इंडियन डिजाइंस एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड
- इंफिलूम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड
- पर्ल ग्लोबल इंडस्ट्रीज लिमिटेड
- संगम ( इंडिया ) लिमिटेड
- टेक्सपोर्ट इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड
- टोराय इंटरनेशनल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड
- टीजे इंडिया प्राइवेट लिमिटेड
- एसकेएपीएस इंडस्ट्रीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड
- आर्टेक्स ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड
- बेस्ट कॉरपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड
- एवरटौप टेक्सटाइल एंड अपैरल कांपलेक्स प्राइवेट लिमिटेड
- गिंजा इंडस्ट्रीज लिमिटेड
- जालान जी पोलीटेक्स लिमिटेड
- कनोडिया ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड
- लोटस होमटेक्स्टाइल लिमिटेड
- एन जेड सीजनल वीयर प्राइवेट लिमिटेड
- माइक्रोटेक्स प्रोसेसर्स प्राइवेट लिमिटेड
- मोंटे कार्लो फैशंस लिमिटेड
- राना टीआरडब्ल्यू स्टीयरिंग सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड
- श्री तिरुपति बालाजी एग्रो ट्रेडिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड
- टरविंद लिमिटेड
- गिन्नी फिलामेंट्स लिमिटेड
- ग्रैंड हैंडलूम प्राइवेट लिमिटेड
- के जी डेनिम लिमिटेड
- सुची इंडस्ट्रीज लिमिटेड
- एसवीजी फैशंस प्राइवेट लिमिटेड ( विद्यमान दिशानिर्देशों के अनुरुप स्कीम के तहत निवेश तथा उत्पादन के लिए एक नई कंपनी के गठन के अध्यधीन )
- एसवीपी ग्लोबल टेक्स्टाइल लिमिटेड
- टेक्नो स्पोर्ट्सवीयर प्राइवेट लिमिटेड
यह जानकारी देते हुए कि हालांकि भारत कपास का सबसे बड़ा उत्पादक देश है, श्री यू पी सिंह ने कहा कि यदि हम 2030 तक 100 बिलियन डॉलर के कपड़ा लक्ष्य को अर्जित करना चाहते हैं तो मानव निर्मित्त रेशों में भी पहचान बनाना आवश्यक है।
टेक्निकल कपड़ों के व्यापक दायरे और क्षमता पर विस्तार से जानकारी देते हुए श्री सिंह ने कहा कि जियोटेक्स्टाइल जैसे क्षेत्रों को उपयोग, मांग तथा पैठ एवं गहन अनुसंधान तथा विकास कार्यकलाप में सुधार लाने के लिए और अधिक प्रोत्साहन दिए जाने की आवश्यकता है।