जयपुर, 24 मई । राज्य धरोहर प्राधिकरण एवं सम्राट पृथ्वीराज चौहान स्मारक समिति के तत्वावधान में सम्राट पृथ्वीराज चौहान की 859वीं जयंती के उपलक्ष्य में अजमेर जिला स्थित सम्राट पृथ्वीराज चौहान स्मारक स्थल पर पुरस्कार वितरण एवं सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया। स्मारक पर विभिन्न प्रतियोगिताओं के आयोजन में विजेताओं को सम्मानित किया गया। रायफल, टेनिस, रंगोली, क्रिकेट, हॉकी टूर्नामेंट जैसी प्रतियोगियों के विजेताओं को सम्मानित किया गया।
सांस्कृतिक संध्या में विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियां का आयोजन हुआ। इससे दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। मशक वादन से लेकर प्रसिद्ध नगाड़ा वादक नाथूलाल सोलंकी द्वारा नगाड़ा वादन ने समा बांध दिया। राजस्थानी घूमर एवं कालबेलिया नृत्य ने सांस्कृतिक छटा बिखेरी। वहीं राजस्थानी संगीत वादन ने धरती धोरां री गीत से श्रोताओं में देशभक्ति की भावना का संचार किया।
राज्य धरोहर प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री ओंकार सिंह लखावत ने कहा कि सम्राट पृथ्वीराज चौहान स्मारक पर विभिन्न प्रतियोगिता आयोजित होती रही है। देशभक्ति और राष्ट्र की सुरक्षा का संकल्प सम्राट चौहान के व्यक्तित्व से चरितार्थ करनी चाहिए। शताब्दियों पूर्व अजमेर की धरती पर विदेशी आक्रमणकारियों को 17 बार पराजित करने वाले वीर शिरोमणि सम्राट पृथ्वीराज चौहान रहे। हिंदू सम्राट की गाथा गाने वाला ये स्मारक अदम्य साहस एवं शौर्य का प्रतीक है। शोध कर्ता अल्बर्ट ने लास्ट हिन्दू एंपरर पृथ्वीराज चौहान पुस्तक में शोधकार्य में बताया की पृथ्वीराज चौहान आखिरी हिंदू सम्राट हुए। हिंदुस्तान है तब तक प्रताप, शिवाजी और चौहान जैसे शासक अविस्मरणीय रहेंगे। इतिहास में इन महान नायकों को जब भी देश की सुरक्षा का विषय आएगा तब याद किया जाएगा। हमारा दायित्व है कि युवाओं को प्रेरित कर हमारे नायकों पर शोध कर गौरवान्वित हो। विश्वविद्यालय स्मारक पर कार्यक्रम आयोजित कर विद्यार्थियों की रुचि विकसित करे। उन्होंने कहा कि एक वर्ष तक सभी जनप्रतिनिधि स्मारक के विकास में अपना योगदान देंवे। सम्राट चौहान की नीति एवं शौर्य गाथा देश स्तर तक पहुंचाया जाए।
विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि ये स्मारक भारत के वीर नायक पृथ्वीराज चौहान की शौर्य गाथा का परिचय देता है। सम्राट चौहान ने 12 वर्ष की अल्पायु में ही राज्य की बागडोर संभाल कर अपनी योग्यता का परिचय दिया। तराइन के दो युद्ध दो सभ्यताओं का टकराव थे। धर्म, शांति और छल कपट के मध्य हुए इस युद्ध में सम्राट ने 16 बार गौरी को हराया। इसके पश्चात हर बार दया भाव दिखाकर गौरी को छोड़ा। इससे सबक लेकर जयचंद को पहचाने एवं उनको माफी की जगह सजा देनी होगी। उनसे प्रेरणा लेकर जीवन में उतारे। कठिन परिस्थिति में भी आत्मसम्मान एवं राष्ट्र भक्ति नहीं छोड़नी चाहिए। वे इतिहास नहीं हमारा आदर्श है। हम संकल्प लेकर उनके विचारों को आगे बढ़ाए। तारागढ़ का दुर्ग अजमेरवासियों के लिए गर्व का प्रतीक है। तारागढ़ पर भी ऎसा स्मारक बनाए के प्रयास किए जाएंगे। सुरक्षा की दृष्टि से तारागढ़ पर आरएसी की टुकड़ी की नियुक्ति भी की गई है। अभी भी समाज एवं देशद्रोही समाप्त नहीं हुए है। कुशल-नेतृत्व एवं कूटनीति-रणनीति से लगातार आखिरी देशद्रोही तक ऑपरेशन सिंदूर जारी रहेगा। राष्ट्र सर्वाेपरि की भावना का संकल्प एवं कार्य करें। तब इस प्रकार की जयंती एवं अन्य आयोजनों का महत्व अधिक होगा। नई पीढ़ी के मस्तिष्क में अमिट छाप छोड़े। इससे ऊर्जावान युवा राष्ट्र को समर्पित होगा ।
जल संसाधन मंत्री श्री सुरेश रावत ने कहा कि स्मारक सहित अन्य ऎतिहासिक धरोहरों को जीवंत एवं गौरवान्वित बनाने में धरोहर प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री ओंकार सिंह लखावत ने अभूतपूर्व योगदान दिया। प्रतिवर्ष सम्राट चौहान की जयंती पर हम एकत्र होकर उन्हें याद करते है। ये स्मृति हमारे मन पटल पर बनी रहे। इतिहास आज का आईना है। इतिहास से सीख लेकर योजना बनाएं। देश के महान नायकों की जीवनी पढ़ने की रुचि जगाएं । इससे व्यक्तित्व में निखार आएगा एवं समाज तथा देश के लिए कर गुजरने की भावना विकसित होगी।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री भागीरथ चौधरी ने कहा कि हिन्दू सम्राट की 859 वीं जयंती पर सबको हर्षित एवं गर्व होना चाहिए। देश को कमजोर करने में विदेशी ताकतों द्वारा घिनौना कृत्य कर अमानवीय सोच का परिचय दिया। इसका देश के सशक्त नेतृत्व ने मुंह तोड़ जवाब देते हुए आतंकवाद के ठिकाने ध्वस्त किया। साथ ही हुक्का पानी बंद कर आर्थिक रूप से भी घुटने टिकाए। विदेशी आक्रांताओं को सम्राट चौहान ने इस प्रकार ही दांत खट्टे किए। हमें अपने अतीत की महान विभूतियों का स्मरण कर गर्वित होना चाहिए।
मसूदा विधायक श्री वीरेंद्र सिंह कानावत ने कहा कि सम्राट चौहान ने आंखे जाने के बाद भी चंद्रवरदाई की प्रेरणा से गौरी का अंत किया। भारत अब सशक्त भारत है। देश के वीर सैनिकों ने आतंकियों को घर में घुसकर मारा है।
ब्यावर विधायक श्री शंकर सिंह रावत ने कहा कि वीरों ने धरती को खून से सींचा है। शब्द भेदी बाण विद्या जैसी अविश्वसनीय कला में पारंगत सम्राट चौहान ने चंद्रवरदाई के शब्दों से सटीक निशाना लगाकर गौरी को मार गिराया। ऎसे महान नायक के जीवन से युवा प्रेरित होकर राष्ट्र भक्ति सीखे एवं राष्ट्र निर्माण में योगदान देंवे।
अजमेर दक्षिण विधायक श्रीमती अनीता भदेल ने कहा कि विश्व गुरु बनने को अग्रसर भारत ने ऑपरेशन सिंदूर से संदेश दिया कि भारत सशक्त है। देश की तरफ देखने वालो को बक्शा नहीं जाएगा। सम्राट चौहान की जयंती से हम प्रेरणा ले एवं अपने जीवन में उनके आदर्शों को उतारें।
महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर कैलाश सोडाणी ने कहा कि हमारी शिक्षा व्यवस्था में हमने अब तक स्वयं अध्ययन करने की जगह विदेशियों के अध्ययन को पाठ्यक्रम में पढ़ाया। देश के पाठ्यक्रम में ऎतिहासिक गर्व के अनगिनत उदाहरणों एवं व्यक्तित्व को शामिल कर युवाओं में राष्ट्रीयता एवं राष्ट्र प्रेम का भाव सुढ़ करना चाहिए। अनेक प्रेरणा के स्त्रेत हमारे पास है ।
इस अवसर पर शहर अध्यक्ष श्री रमेश सोनी, देहात अध्यक्ष श्री जीतमल प्रजापत, उप महापौर श्री नीरज जैन, पार्षद भारती श्रीवास्तव , श्री सुरेंद्र सिंह शेखावत, सहित कार्यकर्ता एवं बड़ी संख्या में क्षेत्र वासी उपस्थित रहे ।