कतर की एक अदालत ने सोमवार को भारतीय नौसेना के सभी आठ पूर्व नौसैनिकों को रिहा कर दिया है। इसमें से सात नौसैनिक भारत लौट आए हैं। विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी किए बयान में इसकी जानकारी दी गई है।
आपकों बताते चले कि आठों पूर्व नौसैनिक कतर के खिलाफ जासूसी करने के आरोप में मिडिल ईस्ट के इस छोटे से देश की जेल में कैद थे। इन्हें कतर की अदालत ने मौत की सजा भी सुना दी थी, जिसके बाद इनकी रिहाई मुश्किल हो गई थी।
भारत ने कतर की अदालत के जरिए आठों भारतीय नागरिकों को रिहा किए जाने के फैसले का स्वागत किया है। खाड़ी देश की अदालत की तरफ से जब मौत की सजा का ऐलान किया गया था, तो भारत ने अपने कूटनीतिक चतुराई पेश करते हुए, इसके खिलाफ अपील की थी। इसका फायदा भी देखने को मिला था, क्योंकि 28 दिसंबर, 2023 को भारत की अपील को ध्यान में रखते हुए आठों नागरिकों को सुनाई गई मौत की सजा पर रोक लगा दी गई थी।
किस आरोप में कैद थे पूर्व नौसैनिक?
कतर की जेल में कैद रहने वाले आठों भारतीय पहले नौसैना में काम करते थे। इनके ऊपर कथित तौर पर कतर के सबमरीन प्रोग्राम की जासूसी करने का आरोप था। जिसके बाद आठों को गिरफ्तार किया। ये लोग अक्टूबर, 2022 से ही कतर की जेल में बंद थे। कतर की अदालत ने आठों भारतीयों को जासूसी का दोषी भी पाया, जिसके बाद इन्हें मौत की सजा सुनाई गई। हालांकि, अदालत के फैसले में इन्हें किस चीज का दोषी पाया गया, उसे सार्वजनिक नहीं किया गया।
कतर की अदालत ने जिन आठ भारतीयों को फांसी की सजा सुनाई थी, वो वहां 'अल-जाहिरा अल-आलमी कन्सलटेन्सी एंड सर्विसेज' नामक कंपनी में काम करते थे। ये सभी भारतीय नौ सेना के अधिकारी रह चुके हैं और कंपनी ओमान के एक उद्योगपति की है। कतर की पुलिस ने इन भारतीयों को इस आरोप में गिरफ्तार किया कि वो इजरायल के लिए जासूसी कर रहे थे। इजरायल, कतर को फूटी आंख नहीं सुहाता है। ऐसे में यह आरोप लगना था कि कतर पुलिस ने भारतीयों के साथ-साथ ओमान के एक नागरिक को भी गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, ओमान के नागरिक को दो महीने बाद ही छोड़ दिया गया जबकि भारतीयों को कभी जमानत भी नहीं मिली। अब जब अचानक फांसी की सजा सुनाई गई तो यह आशंका जताई जा रही थी कि कतर ने ऐसा भारत से खुन्नस निकालने के लिए किया है। दरअसल, भारत ने इजरायल पर हमास के हमले को बिना देर किए आतंकी कार्रवाई करार दे दिया। चूंकि कतर हमास और हिज्बुल्ला ही नहीं, करीब-करीब सभी इस्लामी आतंकी संगठनों की चौतरफा मदद करता है। खासकर, इजरायल की दुश्मनी में वो हमास और हिज्बुल्ला जैसे संगठनों के संरक्षक की भूमिका निभाता है। ऐसे में भारत का बेलाग लपेट कहना कि हमास आतंकी संगठन है, कतर को जरूर गहरे चुभ गया होगा।