कैलिफोर्निया की एक अमेरिकी अदालत ने 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के मामले में वांछित पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यवसायी तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित करने की अनुमति दे दी है। 10 जून, 2020 को, भारत ने प्रत्यर्पण के लिए तहव्वुर राणा की अस्थायी गिरफ्तारी की मांग करते हुए अमेरिकी कोर्ट से गुहार लगाई थी। भारत ने पाकिस्तानी मूल के इस कनाडाई कारोबारी के प्रत्यर्पण की मांग की थी।
आपको बताते चले कि जो बाइडन प्रशासन ने राणा के भारत प्रत्यर्पण का समर्थन किया था और उसे मंजूरी दी थी। अदालत की न्यायाधीश जैकलीन चूलजियान ने 16 मई को 48 पेज के आदेश में कहा कि न्यायालय ने अनुरोध के समर्थन और विरोध में प्रस्तुत सभी दस्तावेजों की समीक्षा की है और उन पर और सुनवाई में प्रस्तुत तर्कों पर विचार किया है।
जज जैक्लिन चूलजियान की अदालत ने 16 मई को दिए आदेश में कहा कि 62 वर्षीय राणा उन अपराधों के लिए प्रत्यर्पण योग्य है जिनमें उसके प्रत्यर्पण का अनुरोध किया गया है। वर्ष 2008 में पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के आतंकवादियों द्वारा मुंबई में किए गए हमलों में राणा की भूमिका की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) कर रही है।
इन हमलों में राणा की भूमिका के लिए भारत के प्रत्यर्पण के अनुरोध पर अमेरिका ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। एनआइए ने कहा है कि वह राजनयिक माध्यमों के जरिये उसे भारत लाने की प्रक्रिया शुरू करने को तैयार है।
मुंबई हमले का की-प्लेयर था तहव्वुर राणा
अदालती सुनवाई के दौरान, अमेरिकी सरकार के वकीलों ने तर्क दिया कि राणा को पता था कि उसका बचपन का दोस्त पाकिस्तानी-अमेरिकी डेविड कोलमैन हेडली लश्कर-ए-तैयबा में शामिल है और इस तरह हेडली की सहायता करके एवं उसकी गतिविधियों के लिए उसे बचाव प्रदान कर उसने आतंकवादी संगठन और इसके सहयोगियों की मदद की। मुंबई आतंकी हमलों में छह अमेरिकियों सहित कुल 166 लोग मारे गए थे। इन हमलों को 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने अंजाम दिया था. ये हमले मुंबई के प्रतिष्ठित और महत्वपूर्ण स्थानों पर 60 घंटे से अधिक समय तक जारी रहे थे।