जयपुर, 27 मार्च। रविवार शाम तक प्रदेश के तीनों डिस्काम्स से बिजली कटौती के कोई समाचार नहीं है। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम व एनर्जी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि विभाग द्वारा बिजली के उत्पादन से लेकर वितरण संबंधित सभी पक्षों की लगातार समीक्षा की जा रही है। राज्य के तापीय विद्युत गृहाें के लिए शनिवार रविवार की रात को कोयले की 23 रैक रवाना हुई है वहीं विद्युत उत्पादन निगम की तकनीकी कारणों से बंद छह इकाइयोें में से कोटा की दो इकाइयां देर रात तक और एक इकाई में सोमवार सुबह तक विद्युत उत्पादन आरंभ हो जाएगा।
एसीएस एनर्जी डॉ. अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश में तापीय विद्युत गृहाेंं के लिए आवश्यकतानुसार कोयले की रैक प्राप्त हो रही है। शनिवार-रविवार रात कोल इंडिया की एनसीएलसे 4, एसर्ईसीएल से 2, रोड कम रेल मार्ग से 5 इस तरह से कोल इंडिया से कोयले की 11 रैक और कोल ब्लॉक से कोयले की 12 रैक की आपूर्ति की गई है। इससेे पहले वाले दिन प्रदेश में कोयले की 22 रैक आपूर्ति की गई थी। प्रदेश में पिछले दस दिनों में औसत 22.8 रैक प्राप्त हो रही है। यही कारण है कि कोयले की कमी के कारण विद्युत उत्पादन निगम की एक भी इकाई बंद नहीं है।
एसीएस माइंस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि एनटीपीसी की दादरा इकाई से 179 मेगावाट बिजली की आपूर्ति कल से ही होने लग गई है। उन्होंने तीनों डिस्काम्स के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे बच्चों की परीक्षाओं और खेती की आवश्कयताओं को देखते हुए बिजली की मांग व आपूर्ति का ध्यान रखते हुए विद्युत आपूर्ति व्यवस्था सुचारु बनाए रखें।
राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के सीएमडी श्री आरके शर्मा ने बताया कि उत्पादन निगम की निरंतर मोनेटरिंग का ही परिणाम है कि तकनीकी टीम ने अथक प्रयासों से कोटा तापीय विद्युत गृह की 110 मेगावाट और 210 मेगावाट की इकाइयों में रविवार रात तक विद्युत उत्पादन आरंभ हो जाएगा वहीं छबडा सुपर क्रिटिकल तापीय विद्युतगृह की 660 मेगावाट की इकाई में सोमवार सुवह से विद्युत उत्पादन शुरु होने की संभावना है।
सीएमडी श्री आरके शर्मा नेे बताया कि कोटा की एक अन्य 195 मेगावाट यूनिट में मंगलवार तक विद्युत उत्पादन शुरु कराने में तकनीकी टीम जुटी हुई है। उन्होंने बताया कि विद्युत उत्पादन निगम की 17 में से केवल दो इकाइयों में तकनीकी कारण से उत्पादन आरंभ होने में अधिक समय लगेगा।