जयपुर, 25 मई। राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने बुधवार को माउंट आबू स्थित राजभवन में पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र की ओर से "शिखर पर्व" के अंतर्गत लगाई गई 'हेरिटेज आर्किटेक्ट चित्र प्रदर्शनी' का लोकार्पण किया।
राज्यपाल श्री मिश्र ने प्रदर्शनी में प्रदर्शित ऐतिहासिक महल, किले मंदिर, तोरण द्वार आदि के चित्रों का अवलोकन करते हुए धरोहर संरक्षण की सोच के तहत इसे महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कलाकारों द्वारा भाव संवेदना के साथ ऐतिहासिक स्थलों के उकेरे चित्रों की सराहना की। उन्होंने कहा कि कलाकारों को प्रोत्साहन सभी स्तरों पर जरूरी है।
पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र की निदेशक श्रीमती किरण सोनी गुप्ता ने बताया कि धरोहर संरक्षण के साथ उससे जुड़े कला सरोकारों के तहत इन चित्रों का प्रदर्शन किया गया है। उन्होंने बताया कि "धरोहर आर्ट कैंप" और कोविड के दौर में कलाकारों द्वारा घर पर रहते इन कलाकृतियों का देश के विभिन्न राज्यों के चित्रकारों ने सृजन किया था। इनका इससे पहले भी विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शन किया गया है।
उल्लेखनीय है कि प्रदर्शित कलाकृतियों में कलाकारों ने स्थान विशेष के रंग-स्थापत्य के साथ रेखाओं से सौंदर्य का विरल संसार सिरजा है। इनमें मंदिर, महल, मस्जिद, बावड़ियों, पहाड़ी क्षेत्र में बनी इमारतों के स्थापत्य, उनके सौंदर्य को कलाकारों ने अपनी कला-दृष्टि से जीवंत किया है। प्रदर्शनी में 20 कलाकृतियों का प्रदर्शन किया गया है।
कला पर्व के दूसरे दिन 'अनुभूति' कार्यक्रम में गुजरात के एम.एस. यूनिवर्सिटी वडोदरा के कलाकारों द्वारा शास्त्रीय और उपशास्त्रीय गीत-संगीत की प्रस्तुतियां होंगी । पर्व के आखिरी दिन 27 मई को 'लास्य दक्षिण' में देश की विख्यात नृत्यांगना जया प्रभा मेनन द्वारा मोहिनीअट्टम की प्रस्तुति दी जाएगी।