28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवन का उद्घाटन करने जा रहे है। लेकिन विपक्षी पार्टियां पीएम मोदी के ज़रिए कराए जा रहे उद्घाटन को लेकर नाराज हैं और इसी कारण 19 विपक्षी पार्टियों ने संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने का निर्णय किया है। विपक्षी पार्टियों का कहना है कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति के ज़रिए किया जाना चाहिए।
पीएम मोदी के ज़रिए कराए जा रहे नये पार्लियामेंट भवन के उद्घाटन को लेकर विरोध करने वाली पार्टियों में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, द्रमुक, समाजवादी पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड), राष्ट्रीय जनता दल और कई अन्य पार्टियों शामिल हैं। उन्होंने अपने बयान में कहा कि वे संसद के नए भवन के उद्घाटन समारोह का सामूहिक बहिष्कार करेंगे क्योंकि इस सरकार में संसद से लोकतंत्र की आत्मा को निकाल दिया गया है। उन्होंने एक संयुक्त बयान में यह आरोप भी लगाया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को उद्घाटन समारोह से दरकिनार करना और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ज़रिए संसद के नए भवन का उद्घाटन करने का फैसला लोकतंत्र पर सीधा हमला है।
संसद भवन के उद्घाटन को महत्वपूर्ण अवसर बताते हुए कहा गया है कि सरकार लोकतंत्र को खतरे में डाल रही है और निरंकुश तरीके से नई संसद का निर्माण किया गया। बावजूद इसके, हम इस महत्वपूर्ण अवसर पर अपने मतभेदों को दूर करने को तैयार थे। लेकिन जिस तरह से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पूरी तरह से दरकिनार करते हुए जिस तरह से नई संसद बिल्डिंग का उद्घाटन प्रधानमंत्री से कराने का निर्णय लिया गया, वह राष्ट्रपति पद का न केवल अपमान है, बल्कि लोकतंत्र पर सीधा हमला है।