विदेश मंत्रालय, नागरिक उड्डयन मंत्रालय व गृह मंत्रालय के साथ घनिष्ट सहभागिता में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय यूक्रेन से भारतीयों को निकालने में हर संभव सहायता दे रहा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने अनिवार्य अंतरराष्ट्रीय यात्रा दिशानिर्देशों में संशोधन किया है। वहीं, मानवीय आधार पर अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए एडवाइजरी में निम्नलिखित छूट की अनुमति दी गई है:
- मौजूदा 'अंतरराष्ट्रीय आगमन के लिए दिशानिर्देश' में निर्धारित अनिवार्य जरूरतों (प्री-बोर्डिंग नेगेटिव आरटी-पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट या पूर्ण टीकाकरण प्रमाणपत्र) को पूरा नहीं करने वाले भारतीय नागरिकों को भारत के लिए प्रस्थान से पहले इन दस्तावेजों को एयर-सुविधा पोर्टल पर अपलोड करने से छूट दी गई है।
- इसके अलावा जिन लोगों ने अपना कोविड-19 टीकाकरण (प्रस्थान/टीकाकरण के देश के बावजूद) पूरा कर लिया है, उन्हें भारत में अगले 14 दिनों के लिए अपने स्वास्थ्य की स्व-निगरानी करने की सलाह के साथ हवाईअड्डे से बाहर जाने की अनुमति दी गई है।
- अगर कोई यात्री आगमन से पहले आरटी-पीसीआर परीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करने में सक्षम नहीं है या जिन्होंने अपना कोविड-19 टीकाकरण पूरा नहीं किया है, उन्हें भारत आने के बाद 14 दिनों तक अपने स्वास्थ्य की स्व-निगरानी जारी रखने की सलाह दी गई है। साथ ही, आगमन पर परीक्षण के लिए उन्हें अपने नमूने को जमा करना होगा। अगर उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुरूप उनका उपचार किया जाएगा।
यूक्रेन में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीय नागरिकों (विशेष रूप से छात्र) ने खुद को संकट में पाया है। यूक्रेन में जारी नोटिस टू एयरमैन या नोटिस टू एयर मिशन (एनओटीएएम) को देखते हुए उड़ानों के जरिए इन फंसे हुए भारतीयों की सीधी निकासी नहीं की जा सकी है। इनके अनुसार पोलैंड, रोमानिया, स्लोवाकिया और हंगरी में स्थित भारतीय मिशन ऑपरेशन गंगा फ्लाइट्स के तहत यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को लाने और उन्हें अपने-अपने देशों से बाहर निकालने की व्यवस्था कर रहे हैं।
28 फरवरी, 2022 (12:00 बजे तक) तक यूक्रेन से भारतीयों को लेकर 5 उड़ानें (मुंबई में एक और दिल्ली में चार) कुल 1156 यात्रियों को लेकर भारत आ चुकी हैं। इनमें से किसी भी यात्री को अब तक आइसोलेशन में नहीं रखा गया है।