Breaking News

Dr Arvinder Singh Udaipur, Dr Arvinder Singh Jaipur, Dr Arvinder Singh Rajasthan, Governor Rajasthan, Arth Diagnostics, Arth Skin and Fitness, Arth Group, World Record Holder, World Record, Cosmetic Dermatologist, Clinical Cosmetology, Gold Medalist

Bollywood / The Kerala Story कश्मीर फाइल्स की तरह ही एक बोल्ड मूवी, केरल से सीरिया तक के जेहादी जाल की कहानी

clean-udaipur The Kerala Story कश्मीर फाइल्स की तरह ही एक बोल्ड मूवी, केरल से सीरिया तक के जेहादी जाल की कहानी
विष्णु शर्मा May 05, 2023 11:04 AM IST

 

इस फिल्म के निर्देशक को लोगों ने पिछले नवम्बर में हर टीवी चैनल्स पर देखा, वजह थी गोवा में होने वाले इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (इफ्फी) में इंटरनेशनल ज्यूरी के चेयरमेन का कश्मीर फाइल्स को लेकर ऐतराज, जिसके चलते ज्यूरी के इकलौते भारतीय चेहरे के तौर पर सुदीप्तो सेन को टीवी पर सफाई देनी पड़ी. जबकि वो इस विवाद से बचते हुए भी दिख रहे थे. लेकिन तब लोगों को नहीं पता था कि वो इतनी जल्दी विवेक अग्निहोत्री के बाद फिल्मी दुनियां के वो दूसरे सबसे विवादित चेहरे हो जाएंगे, जिनसे कई सारे राजनीतिक और धार्मिक चेहरे भी नाराज हैं.

‘कश्मीर फाइल्स’ फिल्म में बतौर कहानी या डायरेक्शन ऐसा कुछ नहीं था कि उसे फिल्मी दुनियां की बड़ी फिल्मों में रखा जा सके, थी तो केवल हिम्मत, जो अब से पहले किसी फिल्मी चेहरे में नहीं होती थी, कि वो सच दिखा सकें या सच के आस पास. उतनी ही हिम्मत की जरुरत थी ‘द केरला स्टोरी’ को बनाने में.

जिस देश में ये माना जाता रहा हो या मनवाया जाता रहा हो कि किसी धर्म का नाम ना लेकर धर्म विशेष या अल्पसंख्यक समुदाय लिखो, जिस देश में ये पढ़ाया जाता रहा हो कि आतंकी का कोई धर्म नहीं होता, उस देश में ऐसे अपराध की चर्चा करना, जिससे एक ही समुदाय के लोग जुड़े हों, और उस पर फिल्म बनाना तो काफी संवेदनशील मामला है. जिसे लेकर आज तक हिंदी फिल्म इंडस्ट्री बचती रही थी, लेकिन पहले कश्मीर फाइल्स, अब द केरला स्टोरी और आने वाली मूवी टीपू सुल्तान को देखकर लगता है कि बदले माहौल में फिल्मकारों में भी हिम्मत आ गई है.

कहानी है नर्सिंग कॉलेज में पढ़ने वाली ऐसी चार लड़कियों की, जिनमें से दो हिंदू हैं, एक ईसाई और एक मुस्लिम. एक हिंदू लड़की शालिनी (अदा शर्मा) के पिता नहीं है, उसका घर कासरगोड शहर जहां कॉलेज है, वहां से दूर है, सो वो हफ्ते के अंत में घर नहीं जा पाती. दूसरी लड़की है गीतांजलि (सिद्धी इदनानी) जिसके पिता कम्यनिस्ट हैं, जो धर्म को अफीम समझते हैं, ये दोनों ही लड़कियां अपने धर्म के बारे में ज्यादा नहीं जानतीं. ईसाई लड़की निमा (योगिता बिहानी) जरुर धार्मिक है.

ऐसे में चौथी लड़की आसिफा (सोनिया बलानी) आईएसआईएस के लिए काम कर रहे एक मौलवी व उसके गैंग के सम्पर्क में हैं और केरल की लड़कियों को लव जेहाद में फंसाकर उनका धर्मान्तरण करवाकर उन्हें सीरिया भेजने के एजेंडे में लगी हुई है. धीरे धीरे वह इन तीनों लड़कियों को अपने दो मुस्लिम युवा साथियों के जरिए जाल में फंसाती है, ईसाई लड़की ही बच पाती है, जबकि शालिनी उनमें से एक लड़के से प्रेग्नेंट हो जाती है, तो फातिमा बनकर उसे किसी और से शादी करके सीरिया जाना पड़ता है.

जबकि दूसरी लड़की गीतांजलि इनकार करती है, तो उसके निजी वीडियो वायरल कर दिए जाते हैं, ईसाई लड़की की ड्रिंक में ड्रग्स मिलाकर उसके साथ गैंगरेप किया जाता है. कहानी की मूल किरदार शालिनी को केन्द्र मे रखकर फिल्म को आगे बढ़ाया जाता है और कैसे वो सीरिया से बचकर वापस आ पाती है और इस पूरे एजेंडे का दुनियां के सामने खुलासा कर पाते हैं, इसी को एक नहीं बल्कि दो दो समानांतर चल रहे फ्लैशबैक्स के जरिए सुदीप्तो सेन ने सावधानी से फिल्माया है. ऐसे में सस्पेंस ना होने के बावजूद हॉल में पिन ड्रॉप साइलेंस बना रहता है.

फिल्म में चूंकि कुछ लड़कियों की सच्ची कहानी है, सो बाद में उनकी पहचान छुपाकर उनके बयान भी दिखाए गए हैं. वरना बहुतों को कई बातें इस मूवी की आसानी से हजम नहीं होंगी. कैसे हिंदू और ईसाई धर्म के देवताओं की बुराई करके अल्लाह की तारीफ की जाती है, कैसे दोजख का खौफ दिखाकर मासूम लड़कियों को डराया जाता है, कैसे उन पर हमला करवाकर ये साबित किया जाता है कि तुमने हिजाब नहीं पहना था इसलिए ऐसा हुआ, कैसे हिंदू धर्म की लड़कियों को अपने ही धर्म ग्रंथों, देवी देवताओं का ज्ञान नहीं होता, कैसे केरल में पुलिस और प्रशासन ऐसी शिकायतों पर ध्यान नहीं देता, इस सबको सुदीप्तो सेन ने ना केवल बारीकी से बल्कि उससे भी ज्यादा हिम्मत के साथ इसे अपनी मूवी में पिरोया है.

आसानी से ये तथ्य हजम नहीं होता कि केरल से इतने लोग आईएसआईएस ज्वॉइन करने सीरिया आदि जगहों पर जा चुके हैं, दिल्ली में बैठकर आसानी से ये भी हजम नहीं होता कि कि कैसे हिंदू और ईसाई लड़कियों को वहां ये सब झेलना पड़ रहा है और वो भी उस प्रदेश में, जिसके बारे में बचपन से सब ये पढ़ते आ रहे हैं कि वो सबसे शिक्षित प्रदेश है. इसलिए ये मूवी अपने क्राफ्ट से ज्यादा एक ‘आई ओपनर’ के तौर पर ज्यादा जानी जाएगी.

मूवी में अदा शर्मा को छोड़कर कोई बड़ा चेहरा नहीं है, अदा भी 1920, कमांडो जैसी मूवीज के जरिए बस अपनी पहचान ही बना पाई हैं, लेकिन इस मूवी ने उन्हें एक्टिंग करने का बेहतरीन मौका दिया है और वो इसमें खरी भी उतरी हैं. आगरा की सोनिया बलानी आसिफा के रोल में असरदार हैं, पहले भी कई सीरियल्स व फिल्मों में काम कर चुकी हैं. योहिता बिहानी को आपने हृतिक की ‘विक्रम बेधा’ में चंदा के रोल में देखा था, उनकी एक स्पीच ‘द केरला स्टोरी’ में उसी तरह फिल्म में इस्तेमाल हुई है, जैसे दर्शन रावल की ‘कश्मीर फाइल्स’ में ली गई थी. गीतांजलि के रोल में सिद्धि इदनानी के रोल में भी कई शेड्स हैं, और वह असर छोड़ती भी हैं.

मूवी अफगानिस्तान, पाकिस्तान और केरल की लोकेशंस को अच्छी तरह से शूट करती है, वहां के माहौल और खूबसूरती को भी कैमरे से अच्छे से कैद किया है, कहीं से बनावटी सैट नहीं लगते और ना ही जरुरत से ज्यादा भव्य लगते हैं. हां केवल मनोरंजन के लिए देखने वालों को इस मूवी से निराशा हो सकती है. जो बैकग्राउंड म्यूजिक और गाने भी हैं, वो फिल्म की कहानी को आगे बढ़ाने वाले और उसको एक खास टोन में ढालने वाले हैं. हालांकि ‘द केरला स्टोरी’ के साथ सबसे ज्यादा नकारात्मक जो बात है वो है इसमें सस्पेंस का ना के बराबर होना. आप जैसा सोचते जाते हैं, मूवी 80 से 85 फीसदी वैसी ही है.

ऐसे में मूवी एक ऐसे विषय की सच्चाई को दिखाती है, जो अब तक धार्मिक आवरण के चलते दिखाने की कोई हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था. उसे फिल्म के प्रोडयूसर और क्रिएटिव डायरेक्टर विपुल शाह की मदद से सुदीप्तो सेन ने दिखाया, इसलिए आप चाहे इस साइड हों या उस साइड, फिल्म को देखना तो बनता है. विवादों से बचने के लिए सुदीप्तो ने ना केवल फिल्म में असली पात्रों से मिलवाया, बल्कि अपने आंकड़ों को कहां से लिया और जिन पर आरोप हैं, वो कौन कौन हैं, उनके बारे मे भी इशारा किया. हालांकि अंदर से वो लाइन काफी खराब लगती है, जब पता चलता है कि मूवी की नायिका को असल जिंदगी में धोखा देने वाला अभी भी केरल के एक शहर के बीचोंबीच बाजार में पिज्जा शॉप चला रहा है.     

  • fb-share
  • twitter-share
  • whatsapp-share
clean-udaipur

Disclaimer : All the information on this website is published in good faith and for general information purpose only. www.newsagencyindia.com does not make any warranties about the completeness, reliability and accuracy of this information. Any action you take upon the information you find on this website www.newsagencyindia.com , is strictly at your own risk
#

RELATED NEWS