भारत सरकार का बड़ा एक्शन: ALTT, ULLU समेत 25 OTT ऐप्स पर प्रतिबंध, अश्लील कंटेंट का आरोप
नई दिल्ली, 25 जुलाई 2025: भारत सरकार ने डिजिटल मनोरंजन के क्षेत्र में बड़ा कदम उठाते हुए 25 ओटीटी (OTT) प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगा दिया है। इनमें उल्लू (Ullu), ऑल्ट बालाजी (ALTT), डेसीफ्लिक्स (Desiflix), बिग शॉट्स (Big Shots) जैसे लोकप्रिय ऐप्स शामिल हैं। सरकार का कहना है कि ये प्लेटफॉर्म्स मनोरंजन के नाम पर अश्लील और आपत्तिजनक कंटेंट परोस रहे थे, जो सामाजिक मूल्यों और नैतिकता के लिए खतरा बन रहे थे।क्यों लगाया गया बैन?
सूचना और प्रसारण मंत्रालय (Ministry of Information and Broadcasting) के अनुसार, इन प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील, यौन रूप से स्पष्ट और समाज के लिए हानिकारक सामग्री प्रसारित की जा रही थी। ये ऐप्स सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की धारा 67, 67A और भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 292 के साथ-साथ महिलाओं के अश्लील प्रतिनिधित्व (निषेध) अधिनियम, 1986 की धारा 4 का उल्लंघन कर रहे थे। इसके अलावा, इन प्लेटफॉर्म्स पर बच्चों और नाबालिगों के लिए अनुचित कंटेंट की उपलब्धता ने भी सरकार की चिंता बढ़ाई थी। किन ऐप्स पर हुई कार्रवाई?
प्रतिबंधित 25 ओटीटी ऐप्स में शामिल हैं: उल्लू (Ullu)
ऑल्ट बालाजी (ALTT)
डेसीफ्लिक्स (Desiflix)
बिग शॉट्स (Big Shots)
बूमेक्स (Boomex)
नवरोसा लाइट (Navarasa Lite)
गुलाब ऐप (Gulab App)
कंगन ऐप (Kangan App)
बुल ऐप (Bull App)
जलवा ऐप (Jalva App)
वाह एंटरटेनमेंट (Wow Entertainment)
लूक एंटरटेनमेंट (Look Entertainment)
हिटप्राइम (Hitprime)
फेनियो (Feneo)
शोएक्स (ShowX)
सोल टॉकीज (Sol Talkies)
अड्डा टीवी (Adda TV)
हॉटएक्स वीआईपी (HotX VIP)
हलचल ऐप (Hulchul App)
मूडएक्स (MoodX)
नियॉनएक्स वीआईपी (NeonX VIP)
फ्यूजी (Fugi)
मोजफ्लिक्स (Mojflix)
इनके अलावा, इन प्लेटफॉर्म्स से जुड़े कई सोशल मीडिया हैंडल्स और वेबसाइट्स को भी ब्लॉक किया गया है। सरकार का कड़ा रुख
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने गूगल प्ले स्टोर और ऐपल ऐप स्टोर को इन ऐप्स को अपने प्लेटफॉर्म्स से हटाने का निर्देश दिया है। मंत्रालय ने कहा कि इन ऐप्स को कई बार चेतावनी दी गई थी, लेकिन कंटेंट में कोई सुधार नहीं हुआ। केंद्रीय सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री एल. मुरुगन ने संसद में बताया कि डिजिटल मीडिया को रेगुलेट करने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। सामाजिक और कानूनी चिंताएं
सुप्रीम कोर्ट में हाल ही में दायर एक जनहित याचिका (PIL) में ओटीटी और सोशल मीडिया पर अश्लील सामग्री पर रोक लगाने की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया कि ऐसी सामग्री बच्चों और युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल रही है और महिलाओं के खिलाफ अपराधों को बढ़ावा दे रही है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार, नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम, उल्लू, ऑल्ट बालाजी और अन्य प्लेटफॉर्म्स को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। सोशल मीडिया पर चर्चा
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इस कार्रवाई को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ यूजर्स ने इसे सामाजिक नैतिकता की रक्षा के लिए जरूरी कदम बताया, जबकि कुछ ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने की कोशिश करार दिया। एक यूजर ने लिखा, "यह डिजिटल सफाई का समय है। कला और अश्लीलता के बीच का अंतर समझने की जरूरत है।" वहीं, कुछ यूजर्स ने सवाल उठाया कि क्या यह सेंसरशिप का रूप नहीं है।
आगे की राह
सरकार ने संकेत दिए हैं कि डिजिटल कंटेंट को नियंत्रित करने के लिए और सख्त नियम बनाए जा सकते हैं। एक नेशनल कंटेंट कंट्रोल अथॉरिटी के गठन की मांग भी उठ रही है, जो ओटीटी और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सामग्री की निगरानी करेगी। यह कार्रवाई डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट की गुणवत्ता और सामाजिक प्रभाव को लेकर चल रही बहस को और तेज कर सकती है। स